बिहार सरकार ने गुरुवार को नेशनल फेडरेशन ऑफ ब्लाइंड की शर्त को मान लिया है।इसके साथ ही छठे चरण के शिक्षक बहाली का रास्ता साफ हो गया है।
सहमति पत्र सरकार ने पटना हाईकोर्ट में भी सब्मिट कर दिया है और बहाली पर लगी रोक को हटा लिया गया है। गौरतलब है कि बिहार सरकार ने 1.25 लाख (प्राथमिक+ हाई स्कूल) शिक्षकों की बहाली जून 2019 में निकाली थी, लेकिन कोर्ट के पचड़े से अब तक पूरी नहीं हो पाई है। अब अगर नया केस नहीं हुआ तो बहाली जल्द पूरी हो सकती है।
वे शर्तें, जिस पर बनी सहमति-
नेशनल फेडरेशन ऑफ ब्लाइंड के जनरल सेक्रेटरी और वकील एस. के. रूंगटा ने भास्कर को बताया कि फेडरेशन ने पिछली सुनवाई के समय कोर्ट में कहा था कि जब दिव्यांगों के लिए सही तरीके से वैकेंसी ही नहीं निकाली गई तो इसमें दिव्यांग अभ्यर्थी अप्लाई भी नहीं कर सके हैं। इसलिए 15 दिनों के अंदर फिर से नोटिफाई करके दिव्यांगों से आवेदन मांग लिए जाएं। 15 दिन के बाद मैरिट की तैयारी कर ली जाए और इसी वैकेंसी के जरिए बहाली प्रक्रिया पूरी कर ली जाए।फेडरेशन की इस मांग पर पिछली बार की सुनवाई के समय सरकार तैयार नहीं हुई थी। सरकार का कहना था कि दिव्यांगों की 4 फीसदी सीटें छोड़ कर बाकी पर नियोजन प्रक्रिया चलाने की हरी झंडी दी जाए, लेकिन फेडरेशन इस पर तैयार नहीं था और इसलिए कोर्ट ने 3 जून को सुनवाई की तारीख निर्धारित की थी। लेकिन 3 जून को सरकार ने फेडरेशन की राय मान ली है। कोर्ट में बहस की कोई जरूरत ही नहीं पड़ी।