सचिन पायलट के खिलाफ राजस्थान कांग्रेस में बगावत, गहलोत ने चली ये चाल, भाजपा बोली सब ड्रामा


जयपुर । राजस्थान में सचिन पायलट के खिलाफ कांग्रेंस की बगावत शुरू हो गई है, विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर ने कहा कांग्रेस का नाटक चल रहा है, यह खत्म होना चाहिए,सरकार अब आंतरिक विवादों में फंस गई है.अशोक गहलोत को चाहिए कि वे आपात कैबिनेट बैठक बुलाये और विधानसभा को भंग कर दे. अशोक गहलोत के बाद राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर राजस्थान कांग्रेस उलझ गई है. देर रात तक चले सियासी घमासान में 90 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफे दे दिए हैं, जैसे ही सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की बात सामने आई, अशोक गहलोत खेमा सक्रिय हो गया.विधायक दल की बैठक तो नहीं हुई, लेकिन अशोक गहलोत समर्थक विधायकों ने बैठक कर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने का विरोध किया.इन विधायकों ने पार्टी आलाकमान के सामने कुछ शर्तें भी रख दीं।
गहलोत समर्थक विधायक हुए बागी, रखी यह शर्त
सचिन पायलट के खिलाफ गहलोत समर्थक विधायक बागी हो गए हैं.उन्होंने एक तरह से पार्टी आलाकमान के खिलाफ जाते हुए कुछ शर्ते रखी है. पहली यही कि सचिन पायलट को सीएम न बनाया जाए. दूसरी कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर ही अशोक गहलोत इस्तीफा दें और तीसरी - नई सरकार में अशोक गहलोत समर्थकों को तवज्जो दी जाए.वहीं सचिन पायलट समर्थक भी खुलकर अशोक गहलोत के खिलाफ सामने आए गए हैं.कुल मिलाकर राजस्थान में कांग्रेस की सरकार संकट में है. गहलोत समर्थक विधायक यह भी चाहते हैं कि उनका नेता कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष ना बने और राजस्थान में ही सक्रिय रहे।
भाजपा की प्रतिक्रिया
विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर ने कहा, कांग्रेस का नाटक चल रहा है, यह खत्म होना चाहिए. सरकार अब आंतरिक विवादों में फंस गई है.अशोक गहलोत को चाहिए कि वे आपात कैबिनेट बैठक बुलाई और विधानसभा को भंग कर दे।
जानिए आगे क्या होगा
एक समाचार एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि दोनों एआईसीसी पर्यवेक्षक, मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन आज दिल्ली आएंगे और शीर्ष नेतृत्व को रिपोर्ट सौंपेंगे। नाराज विधायक पर्यवेक्षकों से मिलने को तैयार नहीं हैं.हाईकमान से चर्चा के बाद आगे की रणनीति तैयार होगी।
आधी रात तक चला ड्रामा
राजस्थान में आधी रात तक सियासी ड्रामा चलता रहा.विधायक दल की बैठक तो नहीं हुई, लेकिन गहलोत गुट के विधायक रविवार शाम से ही कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर जुटने लगे. यहां तय हुआ कि सचिन पायलट को सीएम नहीं बनने दिया जाएगा.गहलोत के वफादार चाहते हैं कि अगला सीएम कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसने 2020 में पायलट द्वारा खुले विद्रोह के दौरान सरकार का समर्थन किया था.इसके बाद खबर आई कि करीब 90 कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को उनके आवास पर जाकर अपने इस्तीफे सौंप दिए हैं।
अशोक गहलोत ने चली चाल, उठे सवाल
इस पूरे घटनाक्रम के पीछे अशोक गहलोत का दिमाग बताया जा रहा है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि खुद अशोक गहलोत नहीं चाहते कि सचिन पायलट सीएम बने, वे अपने किसी खास को कुर्सी पर बैठाना चाहते हैं.शांति धारीवाल के निवास पर हुए घटनाक्रम के बाद जब अशोक गहलोत से पूछा गया तो उन्होंने भी पल्ला झाड़ते हुए कहा कि अब मेरे हाथ में कुछ नहीं है.इस बीच, अशोक गहलोत को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने पर भी सवाल उठने लगे हैं.कहा जा रहा है कि यदि गहलोत अपने ही राज्य में विवाद पैदा कर रहे हैं तो कांग्रेस को कैसे चलाएंगे।

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