ऐसा होगा राममंदिर: रामनवमी के दिन सूर्य की किरणें सीधे रामलला पर पडेंगी, 50 फीसदी काम पूरा, 2024 में होंगे दर्शन


अयोध्या। रामनगरी में राममंदिर का निर्माण करीब 50 फीसदी पूरा हो गया है। तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने यह जानकारी दी। कहा गया कि दिसंबर 2023 तक मंदिर का गर्भगृह व प्रथम तल बनकर तैयार हो जाएगा। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि जनवरी 2024 तक हर हाल में रामलला भी गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे।
2024 तक पूरा होगा कार्य
चंपत राय ने राममंदिर की संरचना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्य मंदिर 350 गुणे 250 फीट का होगा। दिसंबर 2023 तक ग्राउंड फ्लोर का काम होगा। उन्होंने बताया कि 2024 तक सार्वजनिक तौर पर मंदिर में रामलला के दर्शन की उम्मीद की जा सकती है। अभी अष्टकोणीय गर्भगृह में काम जारी है।
पहले तल का चल रहा कार्य
उनहोंने बताया कि मंदिर के पहले तल का काम लगभग 50 फीसदी कंप्लीट है। मंदिर के पहले तल में कुल 160 पिलर होंगे, जबकि मंदिर के दूसरे तल में करीब 82 पिलर होंगे। राम मंदिर में कुल 12 दरवाजे होंगे। दिसंबर 2023 तक यह कार्य पूरा होगा। वहीं 2024 की मकर संक्रांति पर प्राण प्रतिष्ठा की उम्मीद है।
राजस्थन से आ रहे पत्थर
नक्काशी के लिए राजस्थान स्थित सिरोही जिले के पिंडवाड़ा कस्बे से पत्थर आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिन पत्थरों पर नक्कासी हुई है, वो पत्थर यहां लाए जा रहे हैं।
सीधे पडेंगी किरणें
जगदीश आपड़े ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री की कल्पना है कि मंदिर के गर्भगृह का स्ट्रक्च र ऐसा हो कि रामनवमी के दिन सूरज की किरणें सीधे रामलला पर पड़ें। यह देखने मैं स्वयं आऊंगा। प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप हम इसकी तैयारी कर रहे हैं।

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