कारगिल में जवानों के बीच पहुंच PM मोदी : बोले- युद्ध है आखिरी विकल्प, लेकिन सामर्थ्य के बिना शांति संभव नहीं है

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  लेखक: कुलदीप सिंह

दिल्‍ली। दिवाली के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीमा पर तैनात जवानों के साथ रहते हैं। इस बार भी वे दिवाली मनाने के लिए सोमवार को कारगिल पहुंचे। इस मौके पर उन्होनें सेना के जवानों का उत्‍साह बढाया। साथ ही संबोधित किया। उन्‍होंने कहा कि हम कभी युद्ध को पहला नहीं बल्कि आखिरी विकल्प मानते हैं। शांति में विश्वास करते हैं, लेकिन शांति सामर्थ्य के बिना संभव नहीं है।

हम विश्वशांति के पक्षधर हैं
उन्‍होंने कहा कि जब भारत की ताकत बढ़ती है, तो वैश्विक शांति और समृद्धि की संभावना भी बढ़ती है। हम उस परंपरा को मानने वाले हैं जहां युद्ध को पहला विकल्प नहीं माना। हमने हमेशा युद्ध को अंतिम विकल्प माना है। युद्ध लंका में हुआ हो या फिर कुरुक्षेत्र में। अंत तक उसे टालने की हरसंभव कोशिश की। हम विश्वशांति के पक्षधर हैं।

मुंहतोड़ जवाब देना भी जानते हैं हम
उन्‍होंने कहा कि मैं अपनी तीनों सेनाओं की प्रशंसा करता हूं जिन्होंने तय किया है कि 400 से अधिक रक्षा सामान अब विदेशों से नहीं खरीदे जाएंगे, बल्कि भारत में बनाए जाएंगे।' उन्‍होंने कहा कि अगर कोई हमारी नजर उठाकर देखेगा। हमारी तीनों सेनाएं दुश्मन को उसी की भाषा में मुंहतोड़ जवाब देना भी जानती है।'

आप बस मेरा परिवार हो
पीएम मोदी ने कहा, 'कई वर्षों से आप सब मेरा परिवार हो। मेरी दिवाली की मिठास और चमक आप लोगों बीच है। पाकिस्तान के साथ ऐसा कोई युद्ध नहीं हुआ है जहां करगिल ने विजय पताका नहीं फहराया है। भारत कामना करता है कि प्रकाश का यह त्योहार दुनिया के लिए शांति का मार्ग प्रशस्त करे।' अर्थव्यवस्था मजबूत हो और समाज विश्वास से भरा हो।

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