नई वैक्सीनेशन गाइडलाइंस में निन्न बातें शामिल हैं
-केंद्र सरकार राज्यों को उनकी आबादी, संक्रमितों की संख्या और वैक्सीनेशन का प्रोग्रेस जैसे पैमानों के आधार पर डोज भेजेगी। राज्यों को वेस्टेज का ध्यान रखना होगा, नहीं तो उन्हें मिलने वाली वैक्सीन की सप्लाई पर असर पड़ेगा।
-केंद्र सरकार राज्यों को पहले ही बता देगी कि उन्हें कितने डोज मिलने वाले हैं। इसी हिसाब से राज्य सरकारें भी उनके जिलों और वैक्सीनेशन सेंटर्स को एडवांस में ही डोज अलॉट कर देगी। जिलों और वैक्सीनेशनस सेंटर्स की तरफ से यह जानकारी सार्वजनिक की जाएगी ताकि लोगों को दिक्कत न हो।
-सरकार छोटे कस्बों और दूरदराज के इलाकों में स्थित प्राइवेट अस्पतालों वैक्सीन सप्लाई बढ़ाने में मदद करेगी, ताकि भौगोलिक आधार पर असमानता को खत्म किया जा सके।
-राज्य सरकारें ऐसे छोटे अस्पतालों की वैक्सीन डिमांड का खाका तैयार करेंगी और केंद्र सरकार ऐसे अस्पतालों को वैक्सीन सप्लाई करने में मदद करेगी। इसके लिए दोनों के स्तर पर साथ-साथ काम होगा।
-सभी लोगों को वैक्सीन वैक्सी मिलेगी, इसमें किसी का आर्थिक स्तर नहीं देखा जाएगा। लेकिन सरकार ने अपील के तौर पर कहा है कि जो लोग पैसे देने में सक्षम हैं उन्हें प्राइवेट अस्पतालों में पैसे देकर वैक्सीन लगवानी चाहिए।
-गरीबों को प्राइवेट अस्पतालों में फ्री वैक्सीन लगवाने के लिए ई-वाउचर जारी किए जाएंगे। ये नॉन ट्रांसफेरेबल होंगे। यानी वाउचर का इस्तेमाल सिर्फ वही व्यक्ति कर सकेगा जिसके नाम पर यह इश्यू किया जाएगा।