बिहार में शराबबंदी कानून लागू है. सफल कितनी है, ये सबको पता है. शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट में एक साथ 40 अभियुक्तों की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई जिन्हें शराब पीते पकड़ा गया था. इसी कड़ी में हाईकोर्ट ने एक बेहद महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है जिसके तहत अब पकड़ी गई शराब की बोतलों की जांच कराने का आदेश दिया गया है. जांच से यह साफ हो जाएगा कि जो बोतलें पकड़ी गईं हैं, उनमें शराब है या फिर कुछ और !
हाईकोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार उपाध्याय की सिंगल बेंच ने स्पष्ट तौर पर कहा कि शराब पीने के आरोप में पकड़े जाने वाले लोगों का सिर्फ माउथ एनालाइजर जांच ही पर्याप्त नहीं बल्कि बोतल की एफएसएल जांच भी जरुरी है. क्या पता कि जो द्रव्य उस बोतल में है, वो शराब है भी य नहीं क्योंकि गिरफ्तारी तो बोतल के आधार पर ही होती है.
हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से सभी 40.अभियुक्तों को एक साथ बेल देने की बात की कही है. कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव और उत्पाद आयुक्त से चार मार्च तक इस बात का जवाब मांगा है कि जितने लोग शराबबंदी में पकड़े गए हैं, उनमें से कितने लोगों के बोतलों की जांच प्रयोगशाला में हुई है! राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि पकड़ी गई बोतलों और पाॅलिथिन को नष्ट कर दिया गया है तो अब इसकी जांच कैसे संभव है !