Gujarat Morbi Bridge Collapse Live Updates : 140 साल पुराना था Suspension Bridge, साल 1880 में 3.5 लाख रुपए में बना था, दूर-दूर से आते थे Tourist

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  लेखक: कुलदीप सिंह

अहमदाबाद। मोरबी में महज एक पुल नहीं टूटा है, बल्कि लोगों पर मुसीबतों का पहाड टूट पडा है। अब तक मरने वालों की संख्‍या 100 के पार हो गई है। यह संख्‍या और बढ सकती है। करीब 6 महीने पहले दो करोड़ की लागत से इसका रिनोवेशन कराया गया था। इसे पिछले हफ्ते आम लोगों के लिए खोला गया था। सस्पेंशन केबल ब्रिज के टूटने से कई परिवार उजड गए।

आइए समझते हैं कि इस पुल का इतिहास, जिसके टूटने से कई जिंदगी काल के गाल में समा गईं।  

पुल की लंबाई 230 मीटर है
आम लोगों के बीच इस पुल को जुल्टो पूल कहते हैं। इसकी लंबाई 230 मीटर लंबा है। इस मच्‍छू नदी पर बनाया गया है। इसका निर्माण 19वीं सदी में ब्रिटिश शासन के दौरान किया गया था। लिहाजा यह 100 साल से भी ज्‍यादा पुराना था।  

5 दिन पहले खोला गया
छह महीने पहले रेनोवेशन के लिए इस बंद कर दिया गया था। दिवाली से कुछ दिन पहले ही मरम्मत का काम पूरा किया गया था। 5 दिन पहले ही इसे आम जनता के लिए खोला गया था। बताते हैं कि यह सस्पेंशन ब्रिज 140 साल से भी ज्यादा पुराना है।

1879 में हुआ था उदघाटन
इस पुल की लंबाई करीब 765 फीट है। इसका उद्घाटन पहली बार 20 फरवरी, 1879 को मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। इसे 1880 में लगभग 3.5 लाख रुपए की लागत से पूरा किया गया था। इसका सारा सामान इंग्लैंड से आया था। दरअसल इसे दरबारगढ़ को नजरबाग से जोड़ने के लिए बनाया गया था। यह लटकता हुआ पुल कुंड महाप्रभुजी के आसन और पूरे समाकांठा क्षेत्र को जोड़ता था।

जुल्‍टो पुल कहा जाता है
लोग शहर में इसी सस्पेशन पुल के जरिए पहुंचते थे, और इसे उस अवधि का एक कलात्मक और तकनीकी चमत्कार माना जाता है। यह पुल मोरबी का एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र था, जहां काफी संख्या में पर्यटक आते थे।स्थानीय रूप से, इसे जुल्टो पूल कहा जाता था

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