क्या लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान अब तेजस्वी यादव के सुर से सुर मिला रहे हैं? क्या नेता प्रतिपक्ष को अब चिराग का साथ मिल गया है? क्या तेजस्वी और चिराग साथ मिल कर नीतीश सरकार का घेराव करेगें? अब आप सोचते होगें आखिर हम ये क्यों बोल रहे हैं। दरअसल, बीते दिन बिहार सरकार के गृह मंत्रलय यह सूचना जारी किया कि बिहार में अगर कोई भी लोग सरकार के खिलाफ प्रर्दशन करता है या फिर सड़क जाम करता है तो उसे ना तो सरकारी नौकारी दी जाएगी और नाहि ठेका-पट्टा मिलेगा। जिसके बाद से बिहार में बवाल मच गया। बिहार सरकार ने ये निर्देश दिया है कि बिहार में सरकारी नौकारी उसी को मिलेगी जिसे पुलिस से प्रमाण पत्र मिला होगा। अगर कोई भी विरोध प्रर्दशन करता या सड़क जाम करता है और ये पुलिस रिर्कोड में अगर आ गई तो उसे प्रमाण पत्र नहीं दिया जाएगा, जिसका सीधा परिणाम ये होगा कि उसे बिहार में सरकारी नौकारी नहीं मिलेगी और साथ ही ठेकेदारी भी मिलेगी।
आपको बता दें, बिहार के डीजीपी एस के सिंघल ने अपने अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों को लंबा पत्र लिख कर चरित्र प्रमाण पत्र जारी करने का दिशा निर्देश दिया है। उस पत्र में मोटे अक्षरों में लिखे गया है कि “यदि कोई व्यक्ति विधि-व्यवस्था की स्थिति, विरोध प्रदर्शन, सड़क जाम, इत्यादि मामलों में संलिप्त होकर किसी आपराधिक कृत्य में शामिल होता है और उसे इस कार्य के लिए पुलिस द्वारा आरोप पत्रित किया जाता है तो उनके संबंध में चरित्र सत्यापन प्रतिवेदन में विशिष्ट एवं स्पष्ट रूप से प्रविष्टि की जाये। ऐसे व्यक्तियों को गंभीर परिणामों के लिए तैयार रहना होगा क्योंकि उन्हें सरकारी नौकरी/ठेके आदि नहीं मिल पाएगा।
जिसके बाद से तबाड़तोड़ नेताओं के तरफ से प्रतिक्रिया सामने आने लगी। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ये कहा कि सत्ता पक्ष अब लोगों को लोकतंत्र का भी प्रयोग नहीं करने देगी। बेचरे, 40सीट के मुख्यमंत्री को कितना डर है। दरअसल, तेजस्वी ने अपने टीव्टर के माध्यम से नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा और लिखते हैं “मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे नीतीश कुमार कहते है अगर किसी ने सत्ता व्यवस्था के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया तो आपको नौकरी नहीं मिलेगी। मतलब नौकरी भी नहीं देंगे और विरोध भी प्रकट नहीं करने देंगे। बेचारे 40सीट के मुख्यमंत्री कितने डर रहे है?”

बता दें, लोजपा के तरफ से भी प्रतिक्रया सामने आई और उन्होनें तेजस्वी यादव के सुर से सुर मिलाते हुए लिखा कि महात्मा गांधी और जे॰पी के विचारों का गला घोट कर हिटलर और बेनिटो मुसोलिनी के विचारों से प्रेरित बिहार प्रदेश प्रशासन ने बेहद कायरना फरमान जारी किया है। अब कोई भी पीड़ित अपनी आवाज आदरणीय @NitishKumar जी के ख़िलाफ नहीं उठा पाएगा। लोजपा ऐसे किसी भी बेतुके फ़रमान के ख़िलाफ है।

इन दोनों के टीव्ट को अगर देखा जाए तो दोनों ही बिलकुल जैसे भाषा बोल रहे हैं। वैसे दोनों ही नीतीश कुमार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं और उदाहरण भी बिलकुल एक जैसे ही दे रहे हैं। तो ऐसे में ये सवाल उठाना लाजमी है कि क्या चिराग पासवान भी अब तेजस्वी की ही लाईन बोल रहे हैं। आपको बताते चलें, इन दोनों के एक जैसे टीव्ट के बाद से सूबे की सियासत में एक नए समीकरण को उबाल देने की शरुआत हो चूकी है।