कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी एक बड़ा मुद्दा बनी। संक्रमित होने वाले को अस्पताल में बेड नहीं मिल रहे, जिन्हें बेड मिल रहे उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही थी। बिहार में आनन-फानन में अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने लगे। ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत बढ़ गई। शायद इस ऑक्सीजन को हमने इतनी गंभीरता से लिया नहीं था। लेकिन इस ऑक्सीजन सिलेंडर में भरने के लिए हमें शुद्ध हवा की जरूरत है। अभी भी वक्त है कि हम इस ओर ध्यान दें और अपने पर्यावरण को संरक्षित करें। 2000 में झारखंड से बंटवारे के बाद बिहार का हरित आवरण मात्र 9 प्रतिशत रह गया था। फिर 2012 में बिहार सरकार की तरफ हरियाली मिशन की शुरुआत की गई और 24 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा गया, जिसमें 22 करोड़ से ज्यादा वृक्षारोपण किया गया। पृथ्वी दिवस, 9 अगस्त 2020 तक 2.51 करोड़ पौधे लगाए जाने के लक्ष्य से ज्यादा 3.47 करोड़ पौधे लगाए गए। अब राज्य का हरित आवरण 15 प्रतिशत हो गया है। बिहार सरकार के मुताबिक 17 प्रतिशत हरित आवरण प्राप्त करने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है। इसको लेकर CM नीतीश कुमार ने कुछ दिन पहले अपने सोशल मीडिया पर जानकारी दी थी।