बिहार में बड़ा घोटला का मामला सामने आ रहा है। मामला कोरोनाकाल का है। दरअसल, कोरोनाकाल के दौरान जो आकड़े सामने आए थे, उसमें उलटफेर किया गया था। बता दें, एक अखबार रिर्पोट के अनुसार बिहार में कोरोनाकाल में जो टेस्टिंग हुई थी उसमें घोटला किया गया था। तो वहीं बीते दिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी कहा कि मैं सरकार को कई दिनों से अवगत कराने की कोशिश कर रहा था, लेकिन मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री लगातार इस बात से नकार रहे थे। आपको बताते चलें, उन्होंने इसके साथ ही ट्वीटर पर एक वीडियो भी शेयर की है, जब तेजस्वी ने करोना काल के समय सदन में कोरोना के आकड़ों में उलटफेर की बात कही थी।
दरअसल, बिहार में कोरोना की जांच रिपोर्ट के डेटा में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। सरकारी अस्पतालों में दी गई कोरोना की टेस्ट रिपोर्ट के डेटा में मरीजों का मोबाइल नंबर गलत दर्ज किया गया है और ये खुलासा जमुई के सरकारी अस्पताल में कोविड डेटा के एंट्री की जांच में हुआ। डेटा में मोबाइल नंबर की जगह 10 जीरो देखे गए।
इंडियन एक्सप्रेस ने जमुई, शेखपुरा और पटना के छह पीएचसी में कोविड टेस्ट के 885 एंट्री की जांच की है. इस दौरान खुलासा हुआ कि जिन लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है, उनमें से अधिकतर मरीजों का मोबाइल नंबर गलत लिखा गया है. इन सरकारी अस्पतालों से ये डेटा जिला मुख्यालय पटना भेजा जाता है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जमुई के बरहट प्राइमरी हेल्थ सेंटर में कोविड डेटा की एंट्री में 48 में से 28 लोगों के ‘मोबाइल नंबर’ दस जीरो (0000000000) के रूप में देखे गए हैं। जिन्होंने ने इसी साल 16 जनवरी को कोरोना टेस्ट कराया था। 25 जनवरी को भी कोरोना टेस्ट के डेटा में 83 में से 46 लोगों के मोबाइल नंबर की जगह दस जीरो लिख दिए गए। इसके अलावा जिले के एक और PHC जमुई सदर में 16 जनवरी को 150 लोगों के डेटा में से 73 के मोबाइल नंबर की जगह जीरो का इस्तेमाल किया गया।