Bhai Dooj 2022: इस शुभ मुहूर्त में भाई को करें तिलक, तो भाई की उम्र भी बढेगी और सफलता भी मिलेगी


दिल्ली। देश में आज भाई दूज का उत्साह नजर आ रहा है। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। यह भाइयों और बहनों के बीच पवित्र स्नेह का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाई के मस्तक पर तिलक लगाती हैं और उनकी सफलता की कामना करती हैं। भाई उन्हें उपहार देते हैं।
उत्साहपर्वूक मनाया जा रहा त्योहार
यह त्योहार आज यानि 26 अक्टूबर को देशभर में मनाया जा रहा है। भाई दूज 5 दिवसीय दिवाली का अंतिम दिन है। इस दिन यमराज देवता की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इसी दिन यमदेव अपनी बहन यमुना के घर भोजन करने आए थे। तब से यह पर्व शुभ अवसर के साथ मनाया जाने लगा।
भाई दूज 2022 मुहू्र्त
कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि आरंभ- 26 अक्टूबर 2022, दोपहर 2.42 बजे।
कार्तिक शुक्ल द्वितीया की समाप्ति -27 अक्टूबर 2022, दोपहर 12.45 बजे।
भाई दूज पूजन विधि
भाई दूज के लिए पवित्र नदी में स्नान का विशेष महत्व है। अगर संभव न हो तो सूर्योदय से पूर्व स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य दें। इस दिन बहनें अपने भाइयों के लिए पकवान बनाती है। पूजा की थाली तैयार करती हैं। सबसे पहले भाई को कुमकुम का तिलक लगाना चाहिए। इसके बाद अपने हाथों से भाई को मिठाई खिलाएं और भगवान यम से उनकी लंबी उम्र की प्रार्थना करें।
भाई को तिलक लगाएं
तिलक लगाना विजय, वीरता और सम्मान का प्रतीक माना जाता है। शास्त्र के अनुसार तिलक लगाने से जातक की स्मरण शक्ति बढ़ती है। चावल को तिलक पर रखने से मन को शांति मिलती है। अक्षत चंद्रमा का प्रतीक है। इस दिन जो भाई अपनी बहन के घर जाते हैं। भाई दूज के दिन यमराज और चित्रगुप्त की पूजा करनी चाहिए।
बहन यमुना के घर आए थे यमराज
पौराणिक कथा के अनुसार यम द्वितीया यानी भाई दूज के दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर गए थे। यमुना ने यमराज की पूजा की और भोजन कराया। इस अवसर पर यमराज ने यमुना से कहा था कि जो भाई यम द्वितीया के दिन अपनी बहनों के घर आते हैं। उनकी पूजा स्वीकार और भोजन करते हैं। उन्हें असमय मृत्यु का भय नहीं होता है।
