फरमानी नाज को हर हर शंभू के राइटर जीतू शर्मा ने भेजा नोटिस: बोले- गाना चुराना हक मारने जैसा है, अगर यह भजन हिट न होता तो मुझे सब्जी बेचना पड़ता


दिल्ली। सोशल मीडिया पर इन दिनों हर हर शंभू भजन खूब पसंद किया जा रहा है, लेकिन अब इस भजन के साथ गायकों में विवाद शुरू हो गया है। सबसे पहले इस गाने को लिखा और कंपोज किया जितेंद्र शर्मा ने। इस म्यूजिक वीडियो में जीतू शर्मा और अभिलिप्सा पंडा हर हर शंभू गीत साथ साथ गाया।
हर हर शंभू गीत पर बढ़ा विवाद
सोशल मीडिया पर इस भजन के अपलोड होते ही कई मिलियंस लोगों ने इस गाने को पसंद किया। सावन के महीने में देखते ही देखते इसकी लोकप्रियता बढ़ गई। लेकिन अब इसी हर हर शंभू गीत को सोशल मीडिया की गायिका फरमानी नाज ने गाया। इसके बाद अब मूल गायकों और फरमानी के बीच विवाद खड़ा हो गया है। हर हर शंभू के राइटर जीतू शर्मा ने फरमानी नाज को लीगल नोटिस भेजा है, साथ ही एक सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा है।
उन्होंने कहा कि कई दिनों की तपस्या के बाद कोई गाना तैयार होता है। इसके बाद जब कोई उसे चुरा लेता है तो बुरा लगता है। मुझे फरमानी नाज के भजन गाने पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन हर हर शंभू को गाते समय वे उसे अपना बता रही है। साथ ही उन्हें मुस्लिम होने के चलते मीडिया हाइप भी मिल गया है। वो गाने का क्रेडिट भी नहीं दे रही हैं, यह बिल्कुल किसी का हक मारने जैसा है। उधर, सोशल मीडिया पर अभिलिप्सा पंडा भी फरमानी नाज के खिलाफ आवाज उठा रही हैं।
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— Headlines India (@HI_headlines) August 9, 2022
पूरा वीडियो देखें :- https://t.co/CUTb2nKPUs pic.twitter.com/6x7MDO63Sj
हर हर शंभू के राइटर जीतू शर्मा से हेडलाइंस इंडिया ने बातचीत की। उन्होंने बताया कि किन मुश्किल हालातों में यह भजन तैयार किया गया है। कैसे उन्हें अभिलिप्सा पंडा मिलीं। आगे की कहानी जितेंद्र शर्मा की जुबानी*
मेरा जन्म उड़ीसा में एक ब्राहमण परिवार में हुआ था। इसलिए घर में माहौल भी धार्मिक मिला, इसका असर मेरे व्यक्तित्व पर पड़ा है। मेरे पापा की सब्जी की दुकान थी। बचपन में मैं उसी दुकान पर बैठा करता था। मुझे गाने का शौक था। पढाई में मन नहीं लगता था। भजन और गाने खूब गाता था, स्कूल और कॉलेज में हर बार पुरस्कार भी मिलता था।
पढ़ाई में मन नहीं लगता था
पढने में अच्छा नहीं था, लिहाजा इंटरमीडिएट के बाद पढाई नहीं की। घर की हालत ठीक नहीं थी, कुछ काम धंधा करना था। मैंने एक जीरॉक्स की दुकान खोली। दिन में दुकान पर बैठता और भजन लिखता था। आसपास जब कोई कार्यक्रम होते थे, तो मैं वहां पर गाता था। लोग मेरे गाने को खूब पसंद करते थे। इससे मेरा हौसला बढ़ता।
खुद ही म्यूजिक कंपोज करता था
इसके बाद जब सोशल मीडिया का दौर शुरू हुआ तो मैंने भी इसमें हाथ आजमाने शुरू किए। मैं दिन में गीतों को लिखता, उनकी म्यूजिक कंपोज करता। उनको गाता, फिर सोशल मीडिया पर शेयर करता, तकरीबन दो से तीन साल तक मेरी यही दिनचर्या रहती, लेकिन इसमें मुझे कोई सफलता नहीं मिली। हां, आसपास मेरी पहचान बढ़ती जा रही थी।
गुरु आकाश देव ने बहुत मदद की
ऐसे ही मेरी मुलाकात मेरे गुरू आकाश देव जी से हुई। उनसे मिलने के बाद मेरा काम करने का स्टाइल बदल गया। उन्होंने मुझे कई तकनीकि जानकारियां दीं। मैं गाने लिखता था और उसे गुरु आकाश देव कंपोज करते थे। पिछले साल भोलेनाथ का मेरा गाना सोशल मीडिया पर खूब चला था, लेकिन देश स्तर की मेरी पहचान नहीं बनी थी। हालांकि, मैंने अपना संगीत का सफर जारी रखा।
मैं डिप्रेशन में भी आ गया था
साल 2021- 2022 मेरे परिवार की हालत कुछ खराब हो गई। इसलिए परिवार की जिम्मेदारी आ गई। संगीत से कुछ लगाव कम हो गया था। कई बार तो सोच-सोचकर डिप्रेशन में चला गया था। ऐसे में मेरे गुरू आकाश देव ने मेरी खूब मदद की। उन्होंने मुझे हौसला दिया और नया प्लेटफॉर्म भी।
दुकान पर बैठकर लिखा हर हर शंभू
अप्रैल में मैंने दुकान पर बैठकर हर हर शंभू गाना लिखा। इसमें मैंने महादेव के श्लोकों को लिया है। जिसमें उनकी वंदना है। यह गीत जब मैं लिखकर आकाश देव के पास पहुंचा, तो उन्होंने इसका म्यूजिक कंपोज करने की हामी भरी। वेस्टर्न म्यूजिक की रिदम में श्लोकों ने भजन को खूबसूरत बना दिया।
अभिलिप्सा की टीचर ने मुझसे मिलवाया
इसके पहले मैं कई बार अकेले ही भजनों की शूटिंग कर चुका था, लेकिन मुझे सोशल मीडिया पर अच्छे व्यूज नहीं मिले थे। इसलिए इस बार मेरा मन था कि किसी लड़की से यह गाना गवाया जाए। दरअसल, अभिलिप्सा की टीचर मेरी दोस्त हैं। मैंने उनको अपनी समस्या बताई तो उन्होंने कहा कि मैं अभिलिप्सा को अप्रोच करूंगी। उन्होंने अभिलिप्सा से हमारे इस प्रोजेक्ट के बारे में बताया तो अभिलिप्सा हर हर शंभू गाने को तैयार हो गई। अब मुश्किल यह थी कि भजन की शूटिंग और रिकॉर्डिग के लिए मेरे पास पैसे नहीं थे। मेरी हालत नाजुक थी।
मेरे शौक की वजह से घरवाले नाराज थे
बीते तीन चार साल से अपने इसी म्यूजिक के शौक की वजह से कई सारे रुपए बर्बाद कर चुका था। घर वाले भी नाराज थे। कई लोगों का कर्ज भी हो गया था। कोई आय का साधन भी नहीं था। ऐसे में अब मेरे पास दो ही विकल्प थे। एक तो म्यूजिक का शौक छोड़कर दुकान चलाई जाए। या फिर आखिरी बार किसी भी हाल में महादेव के भजन की रिकॉर्डिंग कराई जाए। मैंने सोच रखा था कि अगर इस भजन से कोई खास सफलता नहीं मिलती तो मैं म्यूजिक की दुनिया को छोड़ देता।
रिकॉर्डिंग कराने के लिए गाड़ी बेची
गाने की रिकॉडिंग के लिए मैंने अपनी गाड़ी को 60 हजार रुपए में बेच दिया। उससे रुपए जो मिले उनसे हर हर शंभू गाने की रिकॉर्डिंग का इंतजाम किया। गाने की रिकॉर्डिंग के लिए गुरु आकाश देव मुझे और अभिलिप्सा को जमशेदपुर ले गए। वहां पर गाने की रिकॉर्डिंग की।
कुछ घंटे में हर हर शंभू ने रिकार्ड तोड़े
इसके बाद जब हर हर शंभू को यूटयूब पर अपलोड किया गया तो कुछ ही घंटे में इसने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। जब यह भजन देशभर में लोगों की जुबान पर चढने लगा तो मुझे पर आरोप लगाए गए कि मैंने अमेरिका की भजन गायिका अच्युत गोपी की रिदम को चुराया है। दरअसल इस भजन की शुरूआती रिदम अच्युत गोपी जी के हरे रामा भजन से मिलती है। इसके लिए मैंने उनसे बात भी कर ली थी। उन्होंने हमारी टीम को सहमति भी दे दी थी। बावजूद इसके, एक फेक आईडी से कॉपीराइट की मेल आई। हमारी टीम ने इसकी शिकायत भी की।
हमारी टीम को क्रेडिट तक नहीं दिया
अब वेस्ट यूपी की एक गायिका फरमानी नाज ने हर हर शंभू को गाया है। इस पर एक उलेमा ने फतवा जारी कर दिया है। मीडिया ने इस खबर को हाइप देना शुरू कर दिया। जबकि सवाल यह है कि फरमानी नाज ने इस गाने में हमें क्रेडिट तक नहीं दिया है। मीडिया चैनल पर बैठकर फरमानी ने कहा कि यह भजन उन्होंने खुद लिखा है।
अब बताइए यह किसी का हक मारने जैसा है कि नहीं, हमारी टीम ने फरमानी नाज को एक नोटिस भेजा है। एक सप्ताह में उनके जवाब का इंतजार है। अगर वो जवाब नहीं भेजती है तो कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाएगी। फरमानी हर हर शंभू भजन को खूब गाएं पर दूसरे कलाकारों के स्वाभिमान का भी सम्मान करें।

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