कोरोना महामारी में नियंत्रण के बाद कार्यालय खुलते ही बिहार विधान परिषद् की समितियों का पुर्नगठन कर दिया गया है। कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने समितियों का पुनर्गठन किया गया है। 34 समितियों के अध्यक्ष और सदस्यों का मनोनयन कर दिया गया है। ये सभी समितियां 9 जून से प्रभावी होंगी। नीतीश के खिलाफ बोल रहे MLC टुन्ना जी को 2 समितियों में जगह मिली है। वहीं नीतीश की तरफ से जवाब दे रहे JDU के उपेंद्र कुशवाहा को भी 2 समितियों में जगह मिली है।
समिति में जगह मिलने से बढ़ता है रुतबा और आमदनी-
इन समितियों की खास बात यह होती है कि इसमें अध्यक्ष और सदस्य के तौर पर रहने वालों को इसके लिए अलग से भत्ता का लाभ मिलता है। नियमों के अनुसार प्रत्येक समिति की महीने में 3 बैठकें की जानी होती हैं। हर बैठक में शामिल होने के लिए अध्यक्ष और सदस्य को अलग से यात्रा और दैनिक भत्ता दिया जाता है। ज्यादातर सदस्यों को एक साथ दो-दो समितियों में जगह दी जाती है। कई को तो 3 से 4 समितियों में भी जगह मिल जाती है। एक बैठक में शामिल होने के लिए एक सदस्य को एक दिन का 2 हजार दैनिक भत्ता दिया जाता है। इसके साथ ही रुतबा भी बढ़ जाता है। समिति के अध्यक्ष और सदस्य गाड़ियों पर अपने पद से जुड़ा बोर्ड लगा सकते हैं।