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बिहार में राज्यसभा उपचुनाव को लेकर स्थिति काफी साफ़ हो चुकी है…. चिराग पासवान (Chirag Paswan) की पार्टी के तरफ से ये स्पष्ट हो चुका है इसबार लोक जनशक्ति पार्टी के तरफ से कोई भी प्रत्याशी चुनावी मैदान में नहीं उतरा जायेगा। इसको लेकर पार्टी के ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया है.

इससे पहले लोक जनशक्ति पार्टी ने चुनाव को लेकर एक और ट्वीट किया था जिसमें लिखा गया था कि दलित सेना के संस्थापक राम विलास पासवान के निधन के बाद से रिक्त पड़ी राज्यसभा की सीट पर उपचुनाव है। राज्यसभा की यह सीट संस्थापक के लिए थी जब पार्टी के संस्थापक ही नहीं रहे तो यह सीट बीजेपी किसको देती है यह उनका निर्णय है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई बिहार की राज्यसभा सीट पर उपचुनाव होने जा रहा है. दो दिसंबर को बिहार एनडीए की ओर से भाजपा उम्मीदवार सुशील कुमार मोदी अपना नॉमिनेशन दाखिल करेंगे. तीन दिसंबर को नामांकन की आखिरी तारीख है. लेकिन अभी तक यह साफ हो नहीं हो सका है कि विपक्ष यानी महागठबंधन की ओर से किसी उम्मीदवार को उतरायेगा या नहीं।
दरअसल, महागठबंधन में कुछ और भी मंथन किया जा रहा है, आरजेडी चाहता है कि दलित नेता के निधन से खाली हुई इस सीट पर किसी दलित को ही मौका दिया जाए. श्याम रजक जैसे कई नेता इस लिस्ट में शामिल हैं, लेकिन आरजेडी के रणनीतिकारों की यही भी सोच सामने आ रही थी कि अगर चिराग पासवान सहमति देते हैं तो उनकी माता व दिवंगत राम विलास पासवान की पत्नी रीना पासवान को खड़ा कर वह सियासी तौर पर कई शिकार कर लेगी लेकिन चिराग पासवान ने साफ कर दिया है कि वो इस बार भी बीजेपी के साथ हैं.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वीयादव की क्या कुछ रणनीति होगी आगे…. ये देखना बेहद खास होगा।