बिहार एक बार फिर सुर्खियों में है एक मासूम ने सिस्टम की लापरवाही से तोड़ दिया दम ?बिहार में स्वास्थ सेवा बदहाल, एंबुलेंस ना मिलने के चलते मासूम की मौत, चिकित्सको को भगवान कहा जाता है ,लेकिन बिहार में ये दृश्य देखकर आप विचलित हो सकते हैं ।आपको बताते चलें मासूम तड़प रहा था चिकित्सक देख रहे थे तमाशा ।बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था अत्यधिक बदहाल है और प्रशासन जनकल्याण से कोसो दूर है ।
आज एक मामला सामने आया जिसमे हाथों में 3 साल के बच्चे की लाश लेकर बदहवास भागती एक महिला बिलखती रोती रही । मासूम बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली की भेठ चढ गया |आननफानन में बच्चे को पहले अरवल से जहानाबाद डा. ने रेफर किया , फिर जहानाबाद रेफर कर पटना भेजा गया ,पटना जाते वक्त मासूम ने दम तोड़ दिया। एक बात तो साफ हो गई कि अरवल और जहानाबाद के चिकित्सकों को कोई भी डर कानून व्यवस्था का नही रह गया है बड़ी ही सफाई से डॉक्टरों ने रेफर करके अपनी जिम्मेदारी निभा दी । जब मासूम तड़प तड़प कर मर गया तो मरने के बाद भी शव को ले जाने के लिए भी एम्बुलेंस नहीं दी गई |
तो वहीं मृत बच्चे के पिता ने जहानाबाद सदर अस्पताल के स्टॉफ पर गंभीर आरोप लगाए हैं उनका कहना है कि उनके बच्चे की हालत खराब थी जिसके इलाज के लिए वो यहां लेकर आए बाद में जहानाबाद में डॉक्टरों ने बच्चे की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे पटना रेफर कर दिया, लेकिन मरीज के परिजन एंबुलेंस के लिए काफी देर तक इधर-उधर भटकते रहे लेकिन नहीं मिली|
इसके लिए उन्होंने अस्पताल से एंबुलेंस मुहैया कराने को कहा लेकिन वह उन्हें नहीं उपलब्ध कराई गई, बताते हैं कि अपने बच्चे की हालत को देखते हुए मां बाप दोनों ने बहुत गुहार लगाई लेकिन अस्पताल वाले नहीं पसीजे।
फिलहाल साफ है आज नीतेश सरकार के जंगलराज मे गरीब की कोई कीमत नही |