कोटा: कोचिंग करने आए बिहार के छात्रों ने घर वापसी के लिए अनशन तब शुरू कर दिया जब उनको लगा कि अब बिहार सरकार उनको राज्य बिहार ले जाने के लिए कोई प्रयास नही कर रही है। बिहार के मुख्यमंत्री पहले ही नीतीश कुमार कोटा से बच्चों को उनके राज्यों में भेजने का विरोध जता चुके हैं। साथ ही नीतीश बिहार के बच्चों को बुलाने को तैयार कोई भी नहीं की है अभी तक। अभी भी बिहार के करीब 11 हजार, झारखंड के 3 हजार, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के ढाई-ढाई हजार, महाराष्ट्र के 1800 और ओडिशा के करीब एक हजार बच्चे हॉस्टलों में मौजूद हैं।
बिहार के छात्र तो अपने हॉस्टलोंमें ही उपवास कर रहे हैं। स्लोगन लिखीहाथों में तख्तियां लेकर वे नीतीश सरकार से घर बुलवाने की अपील कर रहे हैं। स्टूडेंट्स बुरा न देखो, बुरा न सुनो, बुरा न बोलो का संदेश भी दे रहे हैं,क्योंकि उनकी आवाज नहीं सुनी जा रही। उन्होंने बताया कियेसब अपनी आवाज बिहार सरकार तक पहुंचाने के लिए कर रहे हैं, ताकि जल्द घर जा सकें।
कोटा में फंसे बिहार के कई हजार छात्र अनशन पर बैठ हुए उनको आश लगी है कि उनकी मांगे पूरी की जायेगी बिहार सरकार के द्वारा जबकि अन्य राज्यों की तरह बिहार सरकार भी उन्हें अपने घर लेकर जाए। बता दें कि बीते दिनों यूपी और मध्य प्रदेश सरकार ने अपने छात्रों को कोटा से निकाल लिया है। हालांकि नीतीश कुमार ने यूपी सरकार के फैसले की आलोचना भी की थी और इसे सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन बताया था। अब खुद छात्रों के अनशन के बाद नीतीश कुमार घिरते नजर आ रहे हैं।