पटना :तेजस्वी यादव ने सोमवार को फिर कहा कि अगर बिहार सरकार कोटा से छात्रों को लाने में सक्षम नहीं है, तो मुझे अनुमति दे,मैं उन्हें उनके घर पहुंचाऊंगा। तेजस्वी के इस बयान पर सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
तेजस्वी ने कहा है कि सरकार उन्हें कोटा से छात्रों को वापस लाने की इजाजत दे ।
तो मंत्री ने कहा- पहले अपनी लोकेशन बताएं साथ ही
बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष ने भी किया तंज।
राजस्थान के कोटा से उत्तर प्रदेश सरकार अपने छात्रों को वापस क्या लाई, बिहार में इसे लेकर सियासी संग्राम छिड़ गया।कोटा में फंसे छात्रों की वापसी को लेकर विधानसभा में विपक्ष के नेता और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम खुला पत्र लिखा था।अब तेजस्वी ने कहा कि सरकार उन्हें कोटा से छात्रों को वापस लाने की इजाजत दे। इसे लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है।तेजस्वी यादव ने सोमवार को फिर कहा कि अगर बिहार सरकार कोटा से छात्रों को लाने में सक्षम नहीं है, तो मुझे अनुमति दे।मैं उन्हें उनके घर पहुंचाऊंगा. तेजस्वी के इस बयान पर सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया. पहले जेडीयू के मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि उन्हें बच्चों को लाना है तो किसी से अनुमति की क्या जरूरत. उन्होंने कहा कि अगर अनुमति चाहिए ही, तो पहले उन्हें ये बताना होगा कि उनकी लोकेशन क्या है, वे कहां से कहां तक की अनुमति चाहते हैं।
नीरज कुमार ने कहा कि वो बिहार में तो हैं नहीं, जो बिहार सरकार से अनुमति चाहते हैं।वैसे ही जनता उन्हें प्रतिपक्ष के नेता की कुर्सी पर बैठाकर अनुमति दे ही चुकी है तो अब किस अनुमति की प्रतीक्षा कर रहे हैं। वहीं, बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने तंज कसते हुए कहा कि तेजस्वी बिहार के इकलौते ऐसे राजनेता हैं, जो प्रदेश में आने वाली हर आपदा के समय गायब हो जाते हैं।कोरोना संकट के समय भी इनका यह रिकॉर्ड बरकरार है। उन्होंने बाढ़, पटना में हुए जल-भराव और चमकी बुखार का उल्लेख करते हुए कहा कि तब तो तेजस्वी के दर्शन दुर्लभ थे ही, ये चुनाव के दिन भी बिहार से गायब थे।
कोटा से छात्रों को वापस लाने के मुद्दे पर सरकार को घेरने वाले विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) घेरने में लगा है. अब एनडीए के नेता उनसे उन्हीं का पता पूछ रहे हैं. एनडीए नेताओं का कहना है कि आखिर वो हैं कहां, अपनी लोकेशन बताएं. तेजस्वी अपनी ट्रैवल हिस्ट्री बताएं, वे पिछले एक महीने से पटना में नहीं हैं. आखिरी बार उन्हें पटना में राज्यसभा का चुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों के साथ सर्टिफिकेट लेते देखा गया था, लेकिन उसके बाद से उनकी पार्टी के नेताओं को भी नहीं पता कि तेजस्वी यादव कहां हैं।
गौरतलब है कि तेजस्वी यादव कोटा से छात्रों को बुलाने की लगातार वकालत कर रहे हैं. राज्य सरकार दलील दे रही है कि केवल कोटा से ही क्यों, देश के कई राज्यों में बिहार के छात्र और मजदूर फंसे हैं. फिर सबको बुलाना चाहिए. अगर सबको बुलाना ही है, तो फिर लॉकडाउन का क्या मतलब. हालांकि इस बीच बीजेपी के विधायक और विधानसभा में पार्टी के सचेतक अनिल सिंह के द्वारा अपनी बेटी को विधानसभा की गाड़ी से लाने का मामला भी तूल पकड़ रहा है और इससे सरकार की भद्द भी पिटी।