डेस्क: भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने चंद्रयान- 2 की सफल लॉन्चिंग के साथ ही नया इतिहास रच दिया है। लॉन्चिंग के बाद अब इसे चांद की सतह पर उतारने के सबसे बड़े मिशन की भी शुरुआत हो गई है। चंद्रयान-2 श्री हरिकोटा के प्रक्षेपण स्थल से चांद तक के 3 लाख 84 हजार किलोमीटर के सफर पर निकल चुका है। चंद्रयान सिर्फ 16 मिनट बाद पृथ्वी की कक्षा में स्थापित हो गया।
पहले इस मिशन को 15 जुलाई को लॉन्च किया जाना था, लेकिन ऐन वक्त पर लॉन्च व्हीकल में तकनीकी खामी का पता चलने पर इसे टाल दिया गया था। इस मिशन को लेकर इसरो ने कई बदलाव भी किए हैं जिससे लॉन्चिंग में होने वाली देरी का प्रभाव नही होगा।
16 दिनों तक पृथ्वी की कक्षा में रहेगा
चंद्रयान-2 को भारत के सबसे शक्तिशाली रॉकेट GSLV MK-3 से लॉन्च किया गया है। लॉन्चिंग के बाद चंद्रयान पृथ्वी की कक्षा में पहुंच चुका है। 16 दिनों तक यह पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए चांद की तरफ बढ़ेगा। इस दौरान चंद्रयान की अधिकतम गति 10 किलोमीटर/प्रति सेकंड और न्यूनतम गति 3 किलोमीटर/प्रति घंटे होगी
21 दिनों बाद चांद की कक्षा में पहुंचेगा
16 दिनों बाद चंद्रयान पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलेगा। इस दौरान चंद्रयान-2 से रॉकेट अलग हो जाएगा। 5 दिनों बाद चंद्रयान-2 चांद की कक्षा में पहुंचेगा। इस दौरान उसकी गति 10 किलोमीटर प्रति सेकंड और 4 किलोमीटर प्रति सेंकंड रहेगी।
इसरो चीफ के सिवन ने चंद्रयान की सफल लॉन्चिंग की घोषणा करते हुए कहा कि इस मिशन की सोच से बेहतर शुरुआत हुई है। इसरो की इस शानदार कामयाबी पर पीएम नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है। बता दें कि करीब 50 दिन बाद 6 से 8 सितंबर के बीच चांद पर चंद्रयान उतरेगा।